Gandhi Jayanti: पीएम मोदी समेत कई राजनेताओं ने बापू को किया याद, महात्मा गांधी के जीवन की बड़ी बातें
Mahatma Gandhi Jayanti 2022: गांधी जयंती पर पर पूरा देश अहिंसा के पुजारी को याद कर रहा है. सत्याग्रह यानी सत्य की शक्ति पर आग्रह के दम पर बापू ने दुनिया को जो संदेश दिया था वह आज भी प्रासंगिक है. इस खास मौके पर भारत के करोड़ों लोग उन्हें अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
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Gandhi Jayanti 2 October: आज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायकों में अगली पंक्ति पर रहे महात्मा गांधी की जन्म जयंती है. सत्य और अहिंसा के पुजारी रहे महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात में हुआ था. भारत के देशवासी आजादी की लड़ाई में गांधी जी के योगदान को सदियों तक याद रखेंगे. उनके आदर्श, सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा और अहिंसा के पाठ ने जुल्म करने वाले अंग्रेजों को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. आज उसी राष्ट्रपिता की याद में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने बापू को श्रद्धांजलि दी है.
याद आए बापू
महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘गांधी जयंती पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि. यह गांधी जयंती इसलिए भी खास है क्योंकि देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हम सदा बापू के आदर्शों पर चलें. मैं आप सब से गुज़ारिश करता हूं कि गांधी जी को श्रद्धांजलि के रूप में खादी और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद खरीदें.’
Paying homage to Mahatma Gandhi. This Gandhi Jayanti is even more special because India is marking Azadi Ka Amrit Mahotsav. May be always live up to Bapu’s ideals. I also urge you all to purchase Khadi and handicrafts products as a tribute to Gandhi Ji.
— Narendra Modi
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर पूरे देश में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. इसी कड़ी में देश की राजाधानी दिल्ली में आज सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन हुआ. जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम नरेंद्र मोदी, कई केन्द्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया.
गृह मंत्री शाह का संदेश
गांधी जयंती के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने बापू को याद करते हुए कहा कि सत्य, अहिंसा व शांति के पथप्रदर्शक महात्मा गांधी जी की जयंती पर उन्हें कोटिश नमन करता हूं. उनके स्वदेशी, स्वभाषा, स्वराज व सहकार के विचार हर भारतीय को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देते रहेंगे. गांधी जी के आदर्शों पर चल मोदी सरकार भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कृतसंकल्पित है.
रक्षामंत्री ने दी श्रद्धांजलि
इस खास मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बापू को याद करते हुए कहा, पूज्य बापू की जयंती पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. गांधीजी ने देश में ग्राम विकास और आत्मनिर्भरता का जो विचार दिया था, वह आज आज़ादी के अमृतकाल में एक नए युग में प्रवेश कर चुका है. उनके विचार और आदर्श देशवासियों को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे.
योगी आदित्यनाथ ने किया बापू को नमन
गांधी जयंती पर उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. जिनमें सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हिस्सा लिया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर G.P.O. गांधी प्रतिमा के पास आयोजित कार्यक्रम में माल्यार्पण करते हुए उन्हें याद किया.
गांधी जयंती पर कांग्रेस पार्टी के सभी नेताओं ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है. कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने बापू को याद करते हुए लिखा, 'बापू ने हमें सत्य और अहिंसा के पथ पर चलना सिखाया. प्रेम, करुणा, सद्भाव और मानवता का अर्थ समझाया. आज गांधी जयंती पर, हम प्रण लेते हैं, जिस तरह उन्होंने देश को अन्याय के खिलाफ एकजुट किया था, वैसे ही अब हम भी अपना भारत जोड़ेंगे.' इसी तरह देश के अन्य राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं ने भी बापू को अपने-अपने तरीके से याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए.
प्रशांत किशोर की पदयात्रा
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर गांधी जयंती के दिन पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से अपनी ‘जन सुराज’ पदयात्रा शुरू की है. 3500 किलोमीटर की पद यात्रा अगले एक से डेढ़ साल में पूरे बिहार के कोने-कोने तक पहुंचेगी. प्रशांत किशोर ने आने वाले 10 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष दस राज्यों में शामिल करने के संकल्प के साथ जन सुराज अभियान के तहत इस पदयात्रा से जुड़ने की अपील की है.
बापू कैसे बने महात्मा?
महात्मा गांधी पढ़ाई के लिए विदेश गए. उन्होंने स्वदेश लौटकर स्वतंत्रता संगाम की लड़ाई में हिस्सा लिया. 1919 में अंग्रेजों के रॉलेट एक्ट कानून के खिलाफ गांधी जी ने विरोध किया. इस एक्ट में बिना मुकदमा चलाए किसी व्यक्ति को जेल भेजने का प्रावधान था. उसके बाद गांधी जी ने अंग्रेजों के गलत कानून और कार्यशैली के खिलाफ सत्याग्रह की घोषणा की. आगे गांधी जी ने नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को नमक सत्याग्रह चलाया, जिसमें वे अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों तक पैदल मार्च भी निकाला. इसी तरह से उन्होंने देश की आजादी के लिए 'दलित आंदोलन', 'असहयोग आंदोलन', 'नागरिक अवज्ञा आंदोलन', 'दांडी यात्रा' और 'भारत छोड़ो आंदोलन' शुरू करके पूरे देश को एक सूत्र में पिरो दिया. आगे चलकर गांधी जी समेत स्वाधीनता संग्राम के अनगिनत सेनानियों की सामूहिक मेहनत सफल हुई और इस तरह 15 अगस्त 1947 में भारत को आजादी मिल गई.