पारिजात का पेड़...!! कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लगाया...!!!
#पारिजात #गोरखचिंच #मांडू_की_इमली
Botanical name: #Adansonia_digitata
Family: #Bombacaceae (baobab family)
कल मोदी जी ने जिस पेड़ को रोपित किया है वह पारिजात का पौधा हैं... कुछ लोग इसे हारसिंगार बता रहे है, पर मुझे लगता हैं कि यह हारसिंगार नही अपितु बाओबाब प्रजाति का पारिजात हैं... वैसे इसमे काफी संशय भी हैं, क्योंकि जो मोदीजी ने पौधा लगाया हैं उसका चित्र स्पष्ट नही हो पाया हैं...।
वैसे हम इस विषय को छोड़ पारिजात को जानने की कोशिश करते है... पारिजात यदि भारत वर्ष में सबसे अधिक मात्रा में कही हैं तो वो मध्यप्रदेश के धार जिले में है,इस पारिजात की आठ प्रजातियों का वर्णन मिलता हैं, कुछ विद्वान इसे अफ्रीकी मूल का तो कुछ इसे भारतीय मूल का अति प्राचीन वृक्ष बताते है... कुछ वर्ष पूर्व इस पर डाक टिकिट भी जारी किया गया था जिसे हम चित्र में देख सकते है...।
पारिजात/गोरखचिंच का वृक्ष 25 से 30 तक मीटर ऊँचा होता है... यह वृक्ष लगभग 11 मीटर तक कि गोलाई में मोटा होता हैं...वृक्ष का आकार बोतल के आकार का होता है,इस कारण इसे बोतल वृक्ष भी कहा गया हैं...गोरखचिंच वृक्ष बहुत सालों तक जीवित रहता है.. इसके तने चौड़े होते है..इसकी छाल चिकनी और भूरे रंग की होती है... इसके पत्ते सेमल के पत्ते जैसे लम्बे और अण्डाकार होते हैं... पत्ते नुकीले और 5 से 12.5 सेमी लम्बे होते हैं...।
पारिजात के फूल सफेद रंग के और लटके हुए होते हैं... इसके फल बड़े और लटके हुए होते हैं.. फल का बाहरी रूप भूरे रंग का होता है... फल का छिलका कड़ा और अन्दर का गूदा खट्ठा होता है... इसके बीज श्यमाले रंग के होते हैं.. गोरखइमली के वृक्ष में फूल और फल फरवरी से जुलाई तक होता है... ।
गुणों की चर्चा करे तो इसका हर भाग औषधीय गुणों से भरपूर हैं...।।
पारिजात से जुड़ी कोई जानकारी हो तो अवश्य साझा करें..।
नरपत सिंह कोटड़ी