नलकूपो से होगी सिचाई: किसानो को डार्क जोन में अब बोरिंग खोदने की छूट मिलेगी
राजस्थान के डार्क जोन में नलकूप खोदने की पाबंदी से परेशान 30 हजार किसानों को लाभ प्राप्त होने जा रहा है। बता दे, केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर इस शर्त को हटा दिया है। इसी अधिसूचना के आधार पर प्रदेश सरकार ने भी एनओसी के लिए नई गाइड लाइन जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में भी फैसला किया गया कि किसानों को अब डार्क जोन में ट्यूबवेल, कुएं खोदने के लिए अनुमति नहीं लेनी होगी। जिले में आठ में से छह ब्लॉक को भूजल की उपलब्धता के आधार पर डार्क जोन घोषित किया हुआ है। यहां के किसान न तो नलकूप खुदवा सकते हैं और न ही अपना कनेक्शन किसी और ब्लॉक में शिफ्ट करवा सकते हैं। किसान सही तरीके से बिजली कनेक्शन ले सकें और वीसीआर, जुर्माने जैसी परेशानी से बच सकें।
एनओसी से मुक्ति का फैसला होता है तो किसानों के लिए यह बड़ी राहत होगी। किसान इसके लिए बरसों से संघर्ष कर रहे हैं। किसान संगठन इस बारे में मांग करते आ रहे हैं। अब किसानों को नलकूप खुदवाने व बिजली कनेक्शन लेने के लिए किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। गौरतलब है कि जिले में जिले के अलसीसर और खेतड़ी को छोड़ कर शेष छह ब्लॉक को भूजल की दृष्टि से डार्क जोन क्षेत्र घोषित किया हुआ है।
यहां एनओसी की जरूरत नहीं:-
व्यक्तिगत घरेलू उपयोग के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में।
ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिए कोई जरूरी नहीं।
सेना व अन्य सुरक्षा मामलों के लिए अनुमति की जरूरत नहीं।
सूक्ष्म व लघु उद्योगों को प्रतिदिन दस क्यूसेक तक।
कृषि गतिविधियों के लिए किसानों को रहेगी छूट।
यह ब्लाॅक हैं जो डार्क जोन हैं:-
बुहाना-चिड़ावा 5 दिसबंर 2005 से
सूरजगढ़ 2 दिसंबर 2006 से
नवलगढ़, झुंझुनूं, उदयपुरवाटी 13 अगस्त 2011 से