मंगोलिया से उड़कर चंबल पहुंचा बार हेडेड गूज का झुंड राजघाट पर विदेशी पक्षी ने डाला डेरा, 24 घंटे में 1600KM उड़ान भरने की क्षमता

Feb 6, 2022 - 10:48
मंगोलिया से उड़कर चंबल पहुंचा बार हेडेड गूज का झुंड राजघाट पर विदेशी पक्षी ने डाला डेरा, 24 घंटे में 1600KM उड़ान भरने की क्षमता

28 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर कर तिब्बत, कजाकिस्तान, रूस, मंगोलिया से चंबल पहुंचे बार हेडेड गूज के झुंड और उनकी अठखेलियां सैलानियों को खूब भा रही हैं। एक दिन में 1600 किमी की उड़ान भरने की क्षमता वाले बार हेडेड गूज के झुंड ने धौलपुर के राजघाट पर चंबल नदी में डेरा डाल लिया है। चंबल के जल में इनकी अठखेलियां यहां आने वाले सैलानियों को खूब भा रही हैं।

पक्षी विशेषज्ञ मुन्ना लाल निशाद ने बताया कि चंबल की आवोहवा इस पक्षी को भा रही है। तभी साल दर साल इनके झुंड यहां दस्तक दे रहे हैं। चंबल आने वाले पर्यटक पक्षियों के झुंड और इनके बारे में जानकर अचंभित हो उठते हैं। वनकर्मी इन प्रवासी पक्षियों पर खास नजर भी रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि बार हेडेड गूज को सफेद हंस भी कहा जाता है, क्योंकि इनके सिर और गर्दन पर काले निशान के साथ इनका रंग पीला ग्रे होता है। सिर पर दो काली सलाखों के साथ उनके सफेद पंख होते हैं। इनके पैर मजबूत और नारंगी रंग के होते हैं। इनकी लंबाई 68 से 78 Cm, पंखों का फैलाव 140 से 160 Cm, वजन दो से तीन Kg होता है। मई के अंत में प्रजनन शुरू होता है।

एक बार में 3 से 8 अंडे देता है बार हेडेड गूज
प्रजनन को लेकर वन्यजीव प्रेमी मुन्ना लाल ने बताया कि ये अपना घोंसला खेत के टीले या पेड़ पर बनाते हैं। एक बार में तीन से आठ अंडे देते हैं। 27 से 30 दिनों में अंडे से बच्चे बाहर निकलते हैं। प्रजनन के बाद इनके दो महीने के बच्चे उड़ान भरने लगते हैं। बार हेडेड गूज के चंबल में कई ठिकाने दिखे हैं। यहां इनकी मौजूदगी पर्यटकों के लिए सुखद अनुभव है। सबसे ऊंची और तेज उड़ान वाले पक्षी के चंबल प्रवास पर नजर रखी जा रही है।