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Jul 23, 2020 - 01:14

*????इतिहास को जानो????*

*????मुस्लिम व मुगल राक्षशों  ने देश को  लूटा,  तोड़ा, जलाया, बलात्कार किये, हत्याएं की घोर अत्याचार किये लेकिन कांग्रेसी मुस्लिम और वामपंथी इतिहासकारों ने मुगलों का महिमामंडन किया और इनका घिलौना चेहरा छुपा दिया*

*????राम मंदिर की ही तरह, काशी, मथुरा और हजारों मंदिरों को तोड़ा , असंख्य मूर्तियों को खंडित किया, मंदिरों को तोड़कर उस पर गुंबद बना दिया और आज जब हिन्दू अपनी धरोहर वापस मांग रहे हैं तो जमीयत उलेमा -ए -हिन्द SC में कहता है कि हिंदुओं की याचिका स्वीकार न कि जाय इससे मुसलमानों की भावनाएं आहत होती हैं????‍♂️*

*????आइये लाल किले पर चर्चा करें*
*लाल किला : कहते हैं कि इतिहास वही लिखता है, जो जीतता है या जो शासन करता है। लाल किला किसने बनवाया था? यदि यह सवाल भारतीयों से पूछा जाए तो सभी कहेंगे शाहजहां ने।*

*????मुगल लाल किले को कभी लाल किला नहीं लाल हवेली कहते थे। क्यों? कुछ इतिहासकारों के अनुसार इसे लालकोट का एक पुरातन किला एवं हवेली बताते हैं जिसे शाहजहां ने कब्जा करके इस पर तुर्क छाप छोड़ी थी। दिल्ली का लालकोट क्षेत्र हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान की 12वीं सदी के अंतिम दौर में राजधानी थी। लालकोट के कारण ही इसे लाल हवेली या लालकोट का किला कहा जाता था। बाद में लालकोट का नाम बदलकर शाहजहानाबाद कर दिया गया।*

*लाल कोट अर्थात लाल रंग का किला, जो कि वर्तमान दिल्ली क्षेत्र का प्रथम निर्मित नगर था। इसकी स्थापना तोमर शासक राजा अनंगपाल ने 1060 में की थी। साक्ष्य बताते हैं कि तोमर वंश ने दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में लगभग सूरज कुण्ड के पास शासन किया, जो 700 ईस्वी से आरम्भ हुआ था। फिर चौहान राजा, पृथ्वी राज चौहान ने 12वीं सदी में शासन ले लिया और उस नगर एवं किले का नाम किला राय पिथौरा रखा था। राय पिथौरा के अवशेष अभी भी दिल्ली के साकेत, महरौली, किशनगढ़ और वसंत कुंज क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं।*

*✍️इतिहासकार मानते हैं कि शाहजहां (1627-1658) ने जो कारनामा तेजोमहल के साथ किया वही कारनामा लाल कोट के साथ। लाल किला पहले लाल कोट कहलाता था। दिल्ली का लाल किला शाहजहां के जन्म से सैकड़ों साल पहले 'महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय' द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में ही बनाया गया था।*

*????कई भारतीय विद्वान इसे लाल कोट का ही परिवर्तित रूप मानते हैं। इसमें संदेह नहीं कि लाल किले में अनेक प्राचीन हिन्दू विशेषताएं-किले की अष्टभुजी प्राचीर, तोरण द्वार, हाथीपोल, कलाकृतियां आदि भारतीयों के अनुरूप हैं। शाहजहां के प्रशंसकों तथा मुस्लिम लेखकों ने उसके द्वारों, भवनों का विस्तारपूर्वक वर्णन नहीं किया है।*

*लाल किले के एक खास महल में सूअर के मुंह वाले चार नल अभी भी लगे हुए हैं। इस्लाम के अनुसार सूअर हराम है। साथ ही किले के एक द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित है, क्योंकि राजपूत राजा हाथियों के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे। इसी किले में दीवाने खास में केसर कुंड नामक कुंड के फर्श पर कमल पुष्प अंकित है। दीवाने खास और दीवाने आम की मंडप शैली पूरी तरह से 984 ईस्वीं के अंबर के भीतरी महल (आमेर/पुराना जयपुर) से मिलती है, जो कि राजपुताना शैली में बनी हुई है। आज भी लाल किले से कुछ ही गज की दूरी पर बने हुए देवालय हैं जिनमें से एक लाल जैन मंदिर और दूसरा गौरीशंकर मंदिर है, जो कि शाहजहां से कई शताब्दी पहले हिन्दू राजाओं के बनवाए हुए हैं।*

*लाल किले के मुख्य द्वार के ऊपर बनी हुई अलमारी या आलिया इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि यहां पहले गणेशजी की मूर्ति रखी होती थी। पुरानी शैली के हिन्दू घरों के मुख्य द्वार के ठीक ऊपर या मंदिरों के द्वार के ऊपर एक छोटा सा आलिया बना होता है जिसके अंदर गणेशजी की प्रतिमा विराजमान होती है।*

*????सनातन की सभ्यता,कला, ज्ञान,सामर्थ्य आदि के कारण भारत विश्व गुरु था किन्तु हिन्दुओ के अहंकार,जातिवाद, लालच एंव कायरता के चलते ना केवल हजार साल ग़ुलाम रहा अपितु पुनः अब विनाश की और अग्रसर हो रहा है*

*????समय की मांग पहचान समय रहते जातिवाद, मत/भाषा/क्षेत्र का भेद ,स्वार्थ एवं कायरता छोड़ जागो हिन्दुओ*
*अन्यथा ना राष्ट्र,धर्म का अस्तित्व बचेगा ना तुम्हारे प्राण ना बहन बेटियों की आन*