कंकाल के डरावने हाथ ने तोड़ दिया था किशोर दा का ये सपना

अपने दौर के सबसे मशहूर और मजेदार मिजाज की शख्सियत के रूप में जाने जाने वाले किशोर दा का आज जन्मदिन है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन पर उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ मजेदार किस्सों के बारे में-

Aug 4, 2022 - 11:15
Aug 4, 2022 - 17:24
कंकाल के डरावने हाथ ने तोड़ दिया था किशोर दा का ये सपना

भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक कलाकार ऐसा था जिसके जैसा कभी कोई कलाकार ना आया और ना ही आ सकता है। हम बात कर हैं हरफनमौला कलाकार किशोर दा की। अपने दौर के सबसे मशहूर और मजेदार मिजाज की शख्सियत के रूप में जाने जाने वाले किशोर दा का आज जन्मदिन है।

किशोर दा कितने उमदा कलाकार थे इस पर हजारों, लाखों लेख लिखे जा चुके हैं। लेकिन वो अपनी निजी जिंदगी में कितने जिंदादिल इंसान थे इसका परिचय उनसे जुड़े इन किस्सों में बखूबी बयां होता है। आइए जानते हैं किशोर दा की जिंदगी से जुड़े कुछ मजेदार किस्सों के बारे में-

जब कंकाल ने तोड़ दिया था उनकी जिंदगी का एक अहम सपना 
4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में जन्में किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार था। लेकिन उन्हें उनके स्क्रीन के नाम किशोर कुमार से ही पहचान मिली। किशोर दा की लाइफ स्टोरी की बात करें तो उनकी कहानी अपने आप में ही किसी रोचक हिन्दी फिल्म से कम नहीं थी। लव, ट्रेजडी, ड्रामा, एक्शन हर चीज उनकी जिंदगी से जुड़ी रही। जैसे कि किशोर दा का एक सपना था। वह अपने पैतृक शहर खंडवा में वेनिस जैसा एक घर बनवाना चाहते थे। उन्होंने मजदूरों को अपने बंगले के चारों तरफ एक नहर खोदने को कहा, यह खुदाई महीनों तक चली, लेकिन बीच में एक कंकाल का डरावना हाथ मिलने से मजदूरों ने आगे खुदाई करने से मना कर दिया। और बस फिर किशोर दा का ये सपना सपना ही रह गया। 

हाफ पेमैंट मिली तो हाफ मेकअप का किस्सा 
किशोर दा के कुछ अपने ही उसूल थे। उनका मजाकिया अंदाज सेट पर लोगों को हैरान परेशान कर देता था। ऐसा ही एक किस्सा था जिसमें किशोर दा ने अपने डायरेक्टर को हैरान कर दिया था। दरअसल हुआ यूं था कि अपनी एक फिल्म के लिए किशोर दा को डायरेक्टर ने पूरी पेमेंट नहीं की, कि शोर दा एडवांस में फुल पेमैंट लिया करते थे। तो डायरेक्टर के ऐसा करने पर किशोर दा अगले दिन  सेट पर केवल आधे चेहरे पर मेकअप लगाकर पहुंच गए थे। जब डायरेकटर ने उनसे पूछा तो वह बोले- ‘आधा पैसा, आधा मेकअप।‘

घर के बाहर लिखवाया 'Beware of Kishore' 
किशोर दा के आइडियाज और जिंदगी को जीने का तरीका आम लोगों से जरा हट के था। इसकी झलक साफतौर से उनकी निजी में देखी जा सकती थी। जैसे उनका अपने घर के बाहर लिखवाना Beware of Kishore। किशोर से सावधान का बोर्ड उनके घर के बाहर यूं ही दिखाने के लिए नहीं लगाया गया था। वह इस बात से पूरी तरह से इतफाक रखते थे। क्योंकि एक बार जब फिल्मेकर एच एस रवैल उनके घर आए और उनसे हाथ मिलाने की कोशिश की तो उन्होंने रवैल का हाथ अपने मुंह से काट दिया और कहा- ‘क्या तुमने बाहर लिखा नहीं पढ़ा।‘

दुनिया के लिए अनेकों रंगों वाले किशोर दा निजी जिंदगी में थे बिलकुल अकेले 

लगभग 2,468 गाने गा चुके किशोर दा ने गायक, गीतकार, संगीतकार, अभिनेता, लेखक और फिल्मकार जैसे कितने ही किरदारों में लोगों का दिल जीत लिया था। इंडस्ट्री में उन्होंने मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर जैसे लेजंड्स से भी ज्यादा नाम कमाया। लेकिन क्या आप जानते हैं निजी जिंदगी में वह इतने अकेले थे कि उनका एक भी दोस्त नहीं था। और अपना अकेलापन दूर करने के लिए वह पेड़ों से बात करते थे। एक इंटरव्यू में किशोर दा ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि वह अपनी जिंदगी में बिलकुल अकेले हैं और उनका कोई दोस्त नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि वह अपने पेड़ों से बात करते थे और उन्होंने अपने गार्डन के हर पेड़ का नाम तक रखा था।