Vitamin-D की कमी मचा सकती है शरीर में तबाही

Nov 13, 2024 - 11:30
Vitamin-D की कमी मचा सकती है शरीर में तबाही

विटामिन-डी, जिसे "सनशाइन विटामिन" भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य, इम्यून सिस्टम और कई दूसरे बॉडी फंक्शन के लिए जरूरी है। इसलिए जब शरीर में विटामिन-डी की कमी (Vitamin-D Deficiency) हो जाती है, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आमतौर पर हम मानते हैं कि धूप न लेने की वजह से विटामिन-डी की कमी होती है, लेकिन ऐसे और भी कई कारण (Causes of Vitamin-D Deficiency) हैं जिनकी वजह से शरीर में विटामिन-डी की कमी हो सकती है। आइए जानते हैं।

विटामिन-डी की कमी के मुख्य कारण

सूरज की रोशनी का कम संपर्क

  • ज्यादा समय घर के अंदर रहना- आजकल की जीवनशैली में लोग ज्यादा समय घर के अंदर कंप्यूटर, मोबाइल या टेलीविजन देखने में बिताते हैं, जिसके कारण सूरज की रोशनी का संपर्क कम हो जाता है।
  • ठंडे मौसम में कम धूप- ठंड के मौसम में सूरज की किरणें कमजोर होती हैं, जिससे विटामिन-डी का प्रोडक्शन कम होता है।
  • कपड़े- शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े भी सूरज की रोशनी को त्वचा तक पहुंचने से रोकते हैं।
  • धूप से बचाव के उपाय- स्किन कैंसर से बचाव के लिए लोग धूप से बचने के उपाय करते हैं, जैसे- सनस्क्रीन लगाना, लेकिन इससे विटामिन-डी की कमी भी हो सकती है।
  • विटामिन-डी से भरपूर फूड आइटम्स का कम सेवन- मछली, अंडे, दूध और कुछ प्रकार के मशरूम में विटामिन-डी पाया जाता है। इन फूड आइटम्स का कम सेवन करने से विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
  • शाकाहारी खाना- वेजिटेरियन डाइट में विटामिन-डी के नेचुरल सोर्स सीमित होते हैं।

पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं

  • मालएब्जॉर्प्शन सिंड्रोम- इस स्थिति में आंतें पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
  • सीलिएक रोग- यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें ग्लूटेन नाम के प्रोटीन के प्रति आंतें सेंसिटिव हो जाती हैं, जिससे विटामिन-डी का अवशोषण प्रभावित होता है।

अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

  • किडनी की बीमारी- किडनी विटामिन-डी को एक्टिव रूप में बदलने में अहम भूमिका निभाते हैं।  
  • लिवर डिजीज- लिवर विटामिन-डी के मेटाबॉलिज्म में अहम भूमिका निभाता है। लिवर डिजीज होने पर यह प्रक्रिया प्रभावित होती है।
  • मोटापा- मोटापा में विटामिन-डी की कमी होने का खतरा ज्यादा होता है।