सूरत में फुटपाथ पर सो रहे 19 लोगों को डंपर ने रौंदा, 15 की मौत, मृतकों में 13 राजस्थान के

Jan 20, 2021 - 03:06
Jan 20, 2021 - 03:18
सूरत में फुटपाथ पर सो रहे 19 लोगों को डंपर ने रौंदा, 15 की मौत, मृतकों में 13 राजस्थान के
  • हम शर्मिंदा हैं कि इन्हें रोटी की खातिर गुजरात में फुटपाथ पर मौत की नींद सोना पड़ा
  • सोमवार रात 11:50 बजे तेज रफ्तार डंपर बेकाबू; 20 दिन पहले ही पत्नी, 6 महीने की बेटी और 2 बहनों के साथ आया था, पांचों की मौत
  • 18 घंटे से लगातार डंपर चला रहा था, ड्राइवर-खलासी दोनों गंभीर

एक बार फिर फुटपाथ खून से लथपथ हो गया, जगह- गुजरात के सूरत से 60 किमी दूर कोसांबा गांव के पास। वक्त- सोमवार रात 11:50 बजे। क्या हुआ- तेज रफ्तार डंपर आगे चल रहे गन्ने से लदे ट्रैक्टर को बचाने के चक्कर में बेकाबू होकर फुटपाथ पर चढ़ गया। नतीजा- डंपर ने फुटपाथ पर सो रहे 19 लोगों को चपेट में ले लिया। इनमें से 15 की मौत हो गई।

मरने वालों में बांसवाड़ा स्थित कुशलगढ़ के 13 मजदूर शामिल हैं। मृतकों में पति-पत्नी, उनकी 6 महीने की बेटी और दो सगी बहनों समेत एक ही परिवार के पांच लोग भी हैं। जान गंवाने वाले दो मजदूर मध्य प्रदेश के रतलाम के रहने वाले थे। ये सभी वहां गन्ने के खेत में काम करते थे। कुशलगढ़ और सज्जनगढ़ के ये लोग गुजरात मजदूरी करने गए थे।

दिनभर मजदूरी करने के बाद रात को फुटपाथ पर ही सोते थे। खबर मिलते ही कुशलगढ़ में अफरा-तफरी मच गई। परिजन अल सुबह जैसे-तैसे वाहनों का जुगाड़ कर शवों को लाने के लिए निकल पड़े। सरपंच धारु भाई ने सूरत से बताया कि हादसे में घायल 6 लोगों की हालत अब भी गंभीर है। राजस्थान के मजदूरों के शव देर रात कुशलगढ़ पहुंचे तो गांव में चीख-पुकार मच गई।

मौत खींच लाई

मृतकों में शामिल राकेश रूपचंद हादसे वाली जगह से थोड़ी दूर एक दुकान में काम करता था। वह रोज दुकान के पास एक केबिन में सोता था, लेकिन सोमवार को मजदूरों के साथ फुटपाथ पर ही सो गया और डंपर की चपेट में आने से मौत हो गई।

इनकी मौत हुई

भगतपुरा कुशलगढ़ निवासी मुकेश (26), मुकेश की पत्नी लीला (25), मुकेश की 6 माह की बेटी तेजल, मुकेश की बहन मनीषा (19) व वनिता (17), गराड़खुरा के दिलीप (25), दिलीप की पत्नी संगीता (22), राकेश (25), राकेश की पत्नी सुगना (20)। खैरदा के विकेश और पत्नी रजिला (25)। सज्जनगढ़ के मस्का गांव की चम्पा (16) व नरेश (25)। मध्य प्रदेश के रतलाम स्थित मईड़ा बाजना का राहुल (19) व अनीता महिडा (40)।

सिस्टम पर सवाल इसलिए बांसवाड़ा के भरतपुरा में पानी नहीं, मजबूरन दूसरे शहरों में मजदूरी को जाते हैं

हादसे में बांसवाड़ा के भरतपुरा में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हुई है। भास्कर जब यहां पहुंचा तो पता चला कि यहां लोगों के पास छोटे-छोटे खेत हैं, पर पानी न होने से मजदूरी के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। गुजरात नजदीक है, इसलिए ज्यादातर लोग रोजी-रोटी के लिए वहां जाते हैं। मुकेश भी 20 दिन पहले पत्नी-बेटी और दो बहनों के साथ गया था, पर हादसे ने इन सभी की जान ले ली।

अब आर्थिक मदद दे रहे केंद्र, गुजरात व राजस्थान सरकार मृतकों के परिजनों को 6-6 लाख रुपए देंगे

इस हादसे पर पीएम मोदी, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी व राजस्थान के सीएम अशोक गहलाेत ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। केंद्र, गुजरात और राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। यानी हर मृतक के परिजन को 6 लाख रु. दिए जाएंगे। सीएम गहलोत और पीएम मोदी ने घायलों को भी 50-50 हजार रु. देने की घोषणा की है।

नाले पर 100 और लोग भी परिवार के साथ साे रहे थे

बेकाबू होने के बाद डंपर की स्पीड इतनी तेज थी कि सड़क से 25 फीट दूर नाले तक काल बनकर पहुंच गया। सड़क और घटनास्थल के बीच कच्चा फुटपाथ और उसके आगे 1 फीट ऊंचा सीमेंटेड कवर नाला है। जहां करीब 100 मजदूर अपने परिवार के साथ सो रहे थे। इन्हीं के बीच यह डंपर मौत बनकर घुसा और गहरी नींद में सोते मजदूरों को रौंदते हुए बढ़ता गया। आखिरकार 19 लोगों को कुचलने के बाद रुका।

चमत्कार; अपनों के शवों के बीच जिंदा मिली 4 महीने की शिल्पा और 10 साल की जूली
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4 महीने की इस मासूम का नाम शिल्पा है। संयोग से यह बच गई, लेकिन आसपास सोए मां रजिला और पिता विकेश की मौत हो गई। शिल्पा की 10 वर्षीय बुआ जूली भी इस हादसे में बच गई। महज 3 दिन पहले ही जूली को लेकर पूरा परिवार कुशलगढ़ के खेरदा से कोसांबा आया था। मौत से 5 घंटे पहले कहा- बेटी के इलाज के पैसे भिजवा रहा हूं