100 साल में पहली बार मेला रद्द हुआ, चोरी छुपे पहाड़ों और खेतों के रास्ते पहुंच गए हजारों लोग
धौलपुर: जिले में प्रसिद्ध मचकुंड देवछठ मेले का आगाज ऋषि पंचमी के दिन साधु संतों के शाही स्नान के साथ शुरू हाेता था। पिछले साल तक 23 अगस्त काे प्रशासन जहां एक ओर श्रद्धालुओं काे संभालने में जुटा रहता था। वहीं मंदिर व घाट श्रद्धालु से भरे रहते थे। कोरोना काल के चलते 100 साल के इतिहास में ऐसा पहला माैका आया कि 2020 देवछठ मेला नहीं भरा गया। जिसके बाद भी श्रद्धालु नहीं माने। आज सोमवार को बड़ी संख्या मे लोग चोरी छुपे मचकुंड सरोवर पहुंच रहे हैं।
मुख्य रास्ते से आने वाले श्रद्धालु को बेरिकेडिंग पर रोककर घर का रास्ता दिखा दिया गया, लेकिन चोरी छुपे खेतों और पहाड़ी के रास्ते से निकलकर श्रद्धालु मचकुंड सरोवर पहुंच रहे हैं। जिन रास्तों से लोग पहुंच रहे है, वहां भी जंगली जानवरों का खतरा है। जिसके बावजूद लोग यहां पहुंच रहे। जहां घाटों पर महिलाएं आटे से लेप लेकर और दीप जलाकर सरोवर में शादी ब्याह की मोहरी कलंगी का विसर्जन कर रही हैं।
यूपी, पंजाब और हरियाणा से भी आते हैं लोग
जानकारी अनुसार, सुबह 9:00 बजे तक यहां हजारों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। जो एमपी, यूपी, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा इत्यादि शहरों से पहुंच रहे। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भीड़ को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। गौरतलब है कि इस मेले में हर साल लाख से ऊपर लोग पहुंचते थे। इस बार मेला कैंसिल होने के बाद भी लोगों को पाबंदियां नहीं रोक पाईं। यहां नवविवाहिता जोड़ा शादी ब्याह की मोरी कलंगी विसर्जन करने पहुंचते हैं।