कैसे मिलेगा इलाज:गांवों में अस्पतालाें की सेहत नहीं सुधर रही, डाॅक्टराें के 33.33% पद खाली

Feb 1, 2023 - 09:46
कैसे मिलेगा इलाज:गांवों में अस्पतालाें की सेहत नहीं सुधर रही, डाॅक्टराें के 33.33% पद खाली

जिले के ग्रामीण क्षेत्राें में अस्पतालाें की सेहत खराब है। अस्पतालाें में 33.33 प्रतिशत डाॅक्टराें के पद खाली हैं। इनमें उप जिला अस्पताल, सेटेलाइट अस्पताल और सीएचसी में 78 विशेषज्ञाें के पद खाली हैं। सीएचसी व पीएचसी से मरीज बिना इलाज कराए लाैट रहे हैं। हालात ये हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में इलाज नहीं मिलने के कारण काफी संख्या में मरीज जिला मुख्यालय पर आ रहे हैं। इसी वजह से तीनाें अस्पतालाें की 3000 से 3500 मरीजाें की ओपीडी रहती है।

फिलहाल डाॅक्टराें के 615 में से 205 पद रिक्त चल रहे हैं। इनमें करीब 60 से अधिक डाॅक्टराें का पीजी या डिप्लाेमा में चयन हाेने पर उन्हें रिलीव किया गया है। अब सिर्फ 410 डाॅक्टर ही कार्यरत हैं। ज्यादातर अस्पतालाें में फिजीशियन और सर्जरी के डाॅक्टर ही उपलब्ध नहीं हैं।

जिले के टाॅप 5 अस्पताल, जिनमें सर्वाधिक रिक्त पद

  • तिजारा सीएचसी : सर्जरी के वरिष्ठ विशेषज्ञ व कनिष्ठ विशेषज्ञ, एनेस्थीसिया, सर्जरी, ऑर्थाेपेडिक, ईएनटी व रेडियाेलाॅजिस्ट के कनिष्ठ विशेषज्ञ।
  • भिवाड़ी उप जिला अस्पताल : सर्जरी व मेडिसिन के वरिष्ठ विशेषज्ञ, सर्जरी के कनिष्ठ विशेषज्ञ व स्त्री राेग कनिष्ठ विशेषज्ञ।
  • बानसूर उप जिला अस्पताल : मेडिसन व सर्जरी के वरिष्ठ विशेषज्ञ, सर्जरी, नेत्र, ईएनटी, ऑर्थाेपेडिक व रेडियाेलाॅजिस्ट के कनिष्ठ विशेषज्ञ।
  • थानागाजी सीएचसी : मेडिसन, सर्जरी, स्त्री राेग और एनेस्थीसिया के कनिष्ठ विशेषज्ञ।
  • लक्ष्मणगढ़ सीएचसी : नेत्र राेग, स्त्री राेग, शिशु राेग और मेडिसन के कनिष्ठ विशेषज्ञ।

डाॅक्टराें के पीजी और डिप्लाेमा के लिए चयन हाेने पर सीएचसी व पीएचसी स्तर पर काफी पद रिक्त हुए हैं। पिछले दिनाें काफी डाॅक्टराें के दूसरे स्थानाें पर स्थानांतरण भी हुए हैं। इसी कारण ग्रामीण क्षेत्र में डाॅक्टराें की कमी है। हमने निदेशालय काे रिक्त पदाें की सूचना भेज दी है। अब सरकार के स्तर पर ही डाॅक्टर उपलब्ध कराए जाएंगे। फिर भी ग्रामीण क्षेत्र में मरीजाें काे संसाधनाें के साथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।