जोधपुर: सबसे छोटी बहन सुमन ने लिखा सुसाइड नोट लक्ष्मी और प्यारी के हस्ताक्षर भी उसी ने किए

Aug 31, 2020 - 04:37
Aug 31, 2020 - 04:44
जोधपुर: सबसे छोटी बहन सुमन ने लिखा सुसाइड नोट लक्ष्मी और प्यारी के हस्ताक्षर भी उसी ने किए

जोधपुर: हम मजबूर हो गए हैं। अपनी इज्जत बचाने के लिए हमें यह कदम उठाना पड़ रहा है। हमारा भाई केवलराम डरपोक है। हमने इस योजना के बारे में उसे बताया था, लेकिन वह नहीं चाहता था, इसलिए उसे भी नींद की गोलियां दे दीं। अपनी इज्जत बचाने के लिए जगह-जगह छिपना पड़ रहा है। सुसाइड नाेट में यह बातें सबसे छोटी बहन सुमन ने ही लिखी थी। इसमें सुमन के साइन ताे सुमन ने ही किए हैं, लेकिन लक्ष्मी व प्रिया उर्फ प्यारी के हस्ताक्षर उनके नहीं लग रहे हैं। वे भी सुमन की हैंडराइटिंग से मिलते-जुलते हैं। फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की यह जांच रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है।

भास्कर ने सामूहिक मौत के दूसरे दिन ही खुलासा कर दिया था कि तीनों बहनों ने मिलकर परिवार समेत जान देने की कहानी लिख दी थी। सबसे बड़ी बहन लक्ष्मी ने जोधपुर में फैले नेक्सस का जिक्र करते हुए डेढ़ घंटे का वीडियो बनाया और अपनी डायरी में पूरी कहानी लिखी। प्रिया एएनएम थी। उसने खाने में नींद की गोलियां मिलाई और सभी के हाथ में इंसेक्टिसाइड के इंजेक्शन लगाए थे, इसलिए वहां की नसें काली पड़ गई थी।

लक्ष्मी के वीडियो में दो बच्चे दयाल व दानिश की भी बातें हैं, जिसमें वे अपनी मां को दोषी बताते हुए मरने की बात कर रहे हैं। इससे पुलिस अब तक इसी नतीजे पर पहुंची है कि इस सामूहिक आत्महत्या की अगुवाई इन तीनों बहनों ने मिलकर की थी। प्रिया पहले जैसलमेर व अभी देचू क्षेत्र के अस्पताल में काम करती थी, वहां के डॉक्टरों ने भी पूछताछ में बताया था कि वह अच्छी नर्स थी, परंतु भाई के ससुराल वालों, अपनी जबरन शादी के प्रयास और समाज के कुछ लोगों के कारण बहुत परेशान थी।

नेक्सस के शोषण और अन्याय ने तोड़ दिए सपने
3 बहनें: लक्ष्मी, प्रिया और सुमन 3 बहनें थीं, तीनों पढ़ी-लिखी व रूढ़ियाें व अन्याय से लड़ने वाली। तीनों की उम्र बढ़ रही थी, लक्ष्मी पाक में धोखा खा चुकी थी। प्रिया-सुमन पर गूंगे-बहरे से शादी का दबाव था। बेहतर जीवन की उम्मीद खत्म हो गई।
3 बच्चे: दीया, दानिश और दयाल। तीनों की उम्र पांच से 12 साल। बच्चों ने मां को छोड़कर पिता अाैर बुआ के साथ रहना पसंद किया, ताकि उनकी पढ़ाई हो सके। इन्हें लक्ष्मी ने गलत पाठ पढ़ा दिया और उनसे मां को ही हत्यारन तक कहलवा दिया।
2 भाई: केवलराम व रवि दोनों जवान भाई, जिनकी पत्नियां उनके साथ रहने को तैयार नहीं थीं। दोनों कम पढ़े और परिवार में बेटियां डॉमिनेट करती थीं। पारिवारिक विवाद में उन्हें भी पुलिस थानों के कई चक्कर लगाने पड़े और जलील होना पड़ा।
2 बहुएं: केवलराम की पत्नी धांधीदेवी और रवि की पत्नी शरिफा। शरीफा विधवा हो गई, उसके बच्चे नहीं हैं। धांधीदेवी सुहागन हैं, परंतु उसके तीन बच्चे इस घटना में चले गए। केवलराम की मानसिक हालत बिगड़ गई। वह एक छोटी बेटी के साथ पिता के पास रहती है।
2 मासूम: मुकदश व नैना, इनका कोई दोष नहीं था। ये दोनों बहन मलकी के बच्चे हैं, जो दूसरे गांव में अपने परिवार के साथ रहती है। राखी पर वह भी बच्चों को लेकर देचू आई थी। राखी बांध कर खुद तो चली गई, परंतु बच्चे यहीं रह गए और वे भी घटना का शिकार हो गए।
2 वृद्ध: बुधाराम व उनकी पत्नी अंतरादेवी। परिवार के मुखिया थे। पहले पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आए। यहां आने पर भी तीन जवान बेटियों का घर नहीं बसने और दो बेटों का बसा-बसाया हुआ घर उजड़ने से दुखी थे।