दूध के बहाने जरनल स्टाेर की दुकानें खुल रही: अलवर जिले में सभी तरह के बाजार बंद आज, कॉलोनियों मे कई जगह दूध के बहाने दूसरा सामान बेच रहे, कटला में भी सन्नाटा
अलवर क बाजार में बीते तीन दिनों के कर्फ्यू से मंगलवार को अलग नजारा है। कर्फ्यू में किराना की दुकानें जगह-जगह खुली थी लेकिन, मंगलवार को पूरा बाजार बंद हैं। हां, कॉलोनियों में कुछ दुकानें दूध बेचने के बहाने खुली हैं। फिर दूध के साथ दूसरा सामान भी बेचा जाता मिला। लेकिन, मुख्य बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा है। जबकि कर्फ्यू के दौरान फिर भी बाजारों में चहल पहल होती थी। लेकिन, अलवर में कलेक्टर के आदेश पर मंगलवार को केवल आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पूरा बंद रहता है। अब बुधवार को फिर से अलवर के बाजार कर्फ्यू की गाइडलाइन के अनुसार शाम पांच बजे तक खुलेंगे।
कटला में कर्फ्यू के दिन ज्यादा भीड़
अलवर के कटला में कर्फ्यू के दिनों सबसे अधिक भीड़ मिली है। असल में इसी बाजार में किराना की सबसे अधिक दुकानें हैं। जिसके कारण आमजन की आवाजाही ज्यादा रहती है। लेकिन, मंगलवार को यह बाजार भी पूरी तरह बंद रहा।
आटे वाली गली में संक्रमण का ज्यादा डर
शहर में आटे वाली गली बाजार में सबसे अधिक संक्रमण का डर रहता है। असल में यह संकरी गली है। रास्ता बहुत कम है। आने जाने वालों की भीड़ बढ़ने पर दो गज की दूरी तो दूर लोग एक दूसर से सटकर निकलते हैं। लेकिन, मंगलवार को यह बाजार पूरी तरह खाली रहा। सभी दुकानें बंद मिली।
पुलिस कंट्रोल रूम के सामने बूथ
पुलिस कंट्रोल रूम के सामने बूथ है। बूथ के बगल में ही पुलिस के बैरियर लगे हैं। वहां पुलिस आने-जाने वालों को टोकती है। लेकिन, बूथ पर ही दूध के अलावा अन्य कई तरह की खाद्य सामग्री बेची जाती है। ऐसा अलवर शहर के ज्यादातर बूथ पर हो रहा है। पुलिस जानबूझकर अनजान है।
सब बाजारों में सन्नाटा
होपसर्कस व घंटाघर के बाजारों में भी मंगलवार को सन्नाटा रहा। यहां मिठाई की दुकानें खोलने की प्रशासन ने छूट दी है। बुधवार से इस बाजार में भी चहल पहल बढ़ जाएगी। अब भी नमकीन बनाने वाले दुकानदार असमंजस में हैं। प्रशासन ने फूड प्रोसेसिंग की यूनिट को छूट तो दी है लेकिन, स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है। जिसके कारण हलवाई एसोसिएशन के कुछ लोग प्रशासन के अधिकारियों से सम्पर्क साध रहे हैं।
कम्पनी बाग के सामने दाे नजारे
कम्पनी बाग के सामने एक कचाैरी ठेले के अगल-बगल में कई लोग कचौरी खाते दिखे। दुकानदार बकायदा वहीं कचौरी बनाता रहा। आने वालों को खिलाता रहा। जबकि प्रशासन ने इसकी छूट नहीं दे रखी। कम्पनी बाग के सामने ही सीएसडी कैंटीन के बाहर भीड़ नजर आई। काफी लोग कैंटीन से सामान लेने पहुंच गए। जबकि जिले भर के बाजार बंद हैं।