बूस्टर डोज का इंतजार सीएम ने केंद्र को 17 दिन पहले लिखा था पत्र, इसके बाद प्रदेश में 17 ओमिक्राॅन केस आए, लेकिन मंजूरी नहीं

Dec 15, 2021 - 09:19
बूस्टर डोज का इंतजार सीएम ने केंद्र को 17 दिन पहले लिखा था पत्र, इसके बाद प्रदेश में 17 ओमिक्राॅन केस आए, लेकिन मंजूरी नहीं

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उन्होंने राजस्थान में फिर से कोरोना मौतें शुरू होने पर चिंता जताते हुए पीएम से बूस्टर डोज की इजाजत मांगी थी। लेकिन 17 दिन हो गए फिर भी पीएमओ की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। अफसर अब भी इंतजार कर रहे हैं। दूसरी तरफ राजस्थान में हालात और बिगड़ते गए। पिछले 10 दिन में ही राजस्थान में 17 नए वैरिएंट ओमिक्रान के पॉजिटिव मिल गए। तीन जिले आमिक्रान से संक्रमित हो गए। इतना ही नहीं 149 दिन बाद फिर राजस्थान में एक ही दिन में 2 लोगों की कोरोना से मौतें हो गई। फिर भी कोई रिप्लाई नहीं आई।

23 को मुख्यमंत्री ने मांग की थी
सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान सहित पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को चिंताजनक बताते हुए 23 नवंबर को केंद्र से बूस्टर डोज के संबंध में फैसले की मांग की थी। उसके बाद 28 नंवबर को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। केंद्र सरकार द्वारा ‘बूस्टर’ डोज के बारे में फैसला किए जाने पर जोर देते हुए गहलोत ने कहा था, ‘हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि जिसको डोज लगे सालभर होने को आ गया है, उसका प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए सरकार उसके लिए बूस्टर डोज की अनुमति दें। जिसे दो खुराक लग गई, उसको तीसरी बूस्टर डोज भी लगनी चाहिए।

दूसरी डाेज के बाद लगें बूस्टर खुराक
गहलोत ने कहा था कि देश में बहुत सारे लोगों को दूसरी डोज ही नहीं लगी है और जब तक आपको दूसरी डोज नहीं लगे तब पहली का फायदा नहीं होता। बचाव के लिए दोनों खुराक लेना जरूरी है। देश में दूसरी डोज तो सिर्फ 45 प्रतिशत लगी है। केंद्र ने इस बारे में अभी फैसला नहीं किया है। जो बुजुर्ग हैं या बीमार हैं अगर उनको बूस्टर डोज नहीं लगेगी तो फिर ये खतरनाक हो सकता है।

जयपुर में एक्टिव मरीज ज्यादा
राजस्थान में अभी कोरोना के 259 एक्टिव मरीज है जिनका इलाज किया जा रहा है। इनमें से 120 तो ज्यादा जयपुर में ही हैं। सोमवार को एक साथ चूरू और राजसमंद में 1-1 मौत हुई। यह 17 जुलाई के बाद 5 माह में पहली बार 2 मौतें हुईं। अब तक प्रदेश में 7.46 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। इनमें 4.47 करोड़ पहली खुराक जबकि 2.99 करोड़ दूसरी डोज लग चुकी है।