Rajasthan: 'राइट टू हेल्थ बिल' का विरोध, आज प्राइवेट अस्पताल 12 घंटे रहेंगे बंद, इमरजेंसी में मिलेंगी सेवाएं

Jan 22, 2023 - 11:13
Rajasthan: 'राइट टू हेल्थ बिल' का विरोध, आज प्राइवेट अस्पताल 12 घंटे रहेंगे बंद, इमरजेंसी में मिलेंगी सेवाएं

राइट टू हेल्थ बिल को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, प्राइवेट डॉक्टर्स और उनके एसोसिएशन इसके खिलाफ आंदोलन पर उतर आए हैं। विरोध के चलते प्रदेश भर में 12 घंटे बंद का ऐलान किया गया है।

राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पेश होने से पहले ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, प्राइवेट डॉक्टर्स और उनके एसोसिएशन इसके खिलाफ आंदोलन पर उतर आए हैं। बिल के विरोध में रविवार को सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक प्रदेश में निजी हॉस्पिटल बंद रखने का ऐलान किया गया है। सिर्फ इमरजेंसी विभाग ही खुला रहेगा।प्राइवेट डॉक्टर्स का कहना है सरकार की ओर से हमारे मांग पत्र पर कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। आईएमए राजस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया राजस्थान में डॉक्टर्स की तरफ से रविवार को सांकेतिक बंद रहेगा। इसके बाद भी हमारी मांग नहीं मानी गईं, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।हालांकि सरकारी हॉस्पिटल से जुड़े डॉक्टर्स ने बंद में साथ देने को लेकर निर्णय नहीं लिया है। रेजिडेंट डॉक्टर्स के संगठन जार्ड, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन विरोध में तो साथ हैं, लेकिन कार्य बहिष्कार करेंगे, यह स्पष्ट नहीं किया है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के जेएमए सभागार में डॉ. अनुराग शर्मा, डॉ. अनुराग धाकड़, डॉ. सर्वेश जोशी, डॉ. सुनील, डॉ. नीरज डामोर सहित तमाम चिकित्सक संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने निजी अस्पतालों में बंद करने का आह्वान किया।
इसलिए बिल का विरोध
बिल में निजी अस्पतालों को भी सरकारी स्कीम के मुताबिक सभी बीमारियों का इलाज निशुल्क करना है। संगठनों का कहना है कि सरकार अपनी वाहवाही लूटने के लिए निजी अस्पतालों पर सरकारी योजनाओं को थोप रही है। सरकार अपने सरकारी अस्पतालों में योजना चलाए, लेकिन निजी अस्पतालों पर जबरन बिल लागू किया गया तो निजी अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे।

इमरजेंसी इलाज फ्री में करना अनिवार्य, लेकिन रिफंड कैसे होगा ?
बिल में निजी अस्पतालों में इमरजेंसी इलाज फ्री में करना अनिवार्य है। इमरजेंसी की कोई परिभाषा नहीं है। इमरजेंसी में फ्री इलाज देने के बाद सरकार निजी अस्पतालों को भुगतान कैसे करेगी? एम्बुलेंस सर्विसेज की लागत की भरपाई किस तरह की जाएगी ? बिल में कहा गया है कि मरीज के पास पैसे नहीं हैं, तो उसे बाध्य नहीं किया जा सकता है, लेकिन इलाज देना होगा। इनकार नहीं किया जा सकता। अगर हर मरीज अपनी बीमारी को इमरजेंसी बताकर फ्री इलाज लेगा तो अस्पताल अपने खर्चे कैसे निकालेंगे ?