एक उपतहसील ऐसी जहां एक भी पटवारी नहीं सारे पद खाली
उप तहसील कार्यालय सेतरावा में पटवारियों के सारे पद खाली है। इससे अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाले पटवारी व ग्रामीण दोनों चक्कर घिन्नी बने हुए हैं। पटवारी आगे-आगे व ग्रामीण पीछे पीछे जैसी स्थिति है। एक-एक पटवारी के जिम्मे तीन-तीन व दो-दो पटवार मण्डलों का कार्यभार होने से उन्हें कभी यहां तो कभी वहां जाना पड़ रहा। एक से दूसरे पटवार मंडल के बीच 25 से 40 किलोमीटर होने पर जहां वे आवाजाही से परेशान है तो ग्रामीण कार्य होने पर उनके पीछे-पीछे जाने को मजबूर हो रहे हैं।
स्थिति यह है कि अति आवश्यक कार्य होने पर ग्रामीणों को लम्बा सफर तय करने पर ही पटवारी मिल पा रहे हैं। सेतरावा उपतहसील कार्यालय के अधीनस्थ चार पटवार मंडलों मे जमाबंदी नकल लेने, जमीन का नाप करवाने, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, खाद सुरक्षा रिपोर्ट करवाने आदि कार्यों को लेकर ग्रामीण पटवार कार्यालय पहुंचते हैं। पटवारियों के पद रिक्त होने से कामकाज को लेकर इन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है।
एक पटवारी के पास 3 से 5 पंचायतों का काम, निरीक्षक व कानूनगो भी नहीं
एक पटवारी के जिम्मे दो तीन पटवार मण्डलों का कार्यभार है। एक से दूसरे पटवार मण्डल के बीच मीलों की दूरी व साधनों के अभाव में कामकाज को लेकर हर दिन पटवारियों, ग्रामीणों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही। काम समय पर नहीं हो पा रहा। वहीं, आर्थिक रूप से नुकसान और उठाना पड़ रहा है। इसी तरह भू- अभिलेख निरिक्षक व अतिरिक्त ऑफिस कानूनगो का पद भी रिक्त है। जिससे सीमाज्ञान, तरमीम, आदि राजस्व कार्यों को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा। इससे हजारों किसान प्रभावित है।
10 पंचायतों में एक भी पटवारी नही
सेतरावा, वीरमदेवगढ, जैतसर, पदमपुर, खेतसागर, जेठानिया, कानोडिया महासिंह, आसरलाई, खिंयासरिया, चौरडिया में कई महीनों से पटवारियों के पद रिक्त है। इससे कामकाज को लेकर हर दिन ग्रामीणों को परेशानियां उठानी पड़ रही। ग्रामीणों ने विधायक किशनाराम विश्नोई व जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया। अब पटवारियों के पद नहीं भरे गए तो कोरोना महामारी में भी धरना प्रदर्शन किया जाएगा।


