1.09 करोड़ रुपए का गबन: केंद्रीय सहकारी बैंक के कार्यवाहक मैनेजर और कैशियर सस्पेंड, 27.50 लाख रुपए लौटाए

Oct 27, 2021 - 20:04
1.09 करोड़ रुपए का गबन: केंद्रीय सहकारी बैंक के कार्यवाहक मैनेजर और कैशियर सस्पेंड, 27.50 लाख रुपए लौटाए
भरतपुर. सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक कलेक्ट्रेट शाखा में अपेक्स बैंक जयपुर की टीम मामले की जांच करते हुए।

सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की कलेक्ट्रेट ब्रांच में फर्जी एफडीआर और लोन अकाउंट बनाकर 1.09 करोड़ रुपए का गबन हो गया। इस मामले में कार्यवाहक मैनेजर राजेश सिंह और कैशियर धर्मेंद्र सिंह को सस्पेंड करने के साथ ही चार्जशीट थमा दी गई है। इसके साथ ही अपेक्स बैंक ने भरतपुर सीसीबी के कार्यवाहक एमडी को संबंधित लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में एफआईआर दर्ज कराने और आर्थिक अपराध शाखा में भी शिकायत दर्ज कराने को कहा है। इधर, कार्यवाहक मैनेजर राजेश सिंह ने मामला खुलने के बाद 27.50 लाख रुपए जमा भी करवा दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि भरतपुर सीसीबी के कार्यवाहक ब्रांच मैनेजर राजेश सिंह और कैशियर धर्मेंद्र सिंह ने मिलीभगत करके पहले 52 लोगों के नामों से फर्जी यूनिक आईडी बनाई। फिर पहले 50 लोगों के 82 लोन खातों में 26.05 करोड़ रुपए फर्जी एफडीआर ऋण खाते खोले। इसके बाद बैक डेट में इतनी ही राशि की 302 एफडीआर बनाकर बंद कर दीं। उन पर 1.9 करोड़ रुपए का ब्याज अपने खाते में जमा कर लिया। इसकी शिकायत होते ही जयपुर से अपेक्स बैंक ने जांच बिठा दी। जयपुर की जांच टीम ने मंगलवार को आरोपियों के बयान लेने के साथ ही दस्तावेज भी खंगाले।

ऐसे हो सका मामले का खुलासा...
जून की त्रैमासिक सूचना से पता चला कि बैंक का कुल लोन वितरण 105 करोड़ रुपए था। इसमें 78 करोड़ रुपए के अल्पकालीन ऋण थे। इस अवधि में सिर्फ कलेक्ट्रेट शाखा में ही 27 करोड़ रुपए के लोन बांटे जाने पर शक हुआ। इंटरनल जांच में पता चला कि 8 मार्च से 20 अप्रैल 2021 के बीच इस घपले को अंजाम दिया गया। इसके लिए अपेक्स बैंक जयपुर ने जीएम सीएम भारद्वाज के नेतृत्व में डीजीएम राकेश शर्मा, एजीएम अमित शर्मा, मैनेजर राजेंद्र मीणा और एसएल स्वामी की जांच टीम बनाई है।

200 करोड़ रुपए से ज्यादा एनपीए
अल्पकालीन फसली कर्जों की संपूर्ण कर्ज माफी करने के बावजूद 129 करोड़ रुपए के लोन एनपीए (अवधि पार) हो गए हैं। जबकि 31 मार्च, 2021 तक ग्राम सेवा सहकारी समितियों मेंं 102 करोड़ रुपए के मध्य ऋण बकाया थे। इनकी वसूली की अब कोई संभावना नहीं है। बैंक के वर्तमान में बकाया 314 करोड़ रुपए के ऋणों में से 200 करोड़ रुपए एनपीए हो गए हैं। इतना ही नहीं ऑनलाइन फसली ऋण वितरण योजना में भी 30,000 किसान डिफॉल्टर हो गए हैं।

सीसीबी में इसलिए संभव हुआ गबन और घोटाला...

भरतपुर सीसीबी के तत्कालीन एमडी के खिलाफ सहकारी विभाग और सरकार में पहले भी कई शिकायतें हुई हैं, जिन पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। बैंक में स्थाई एमडी नहीं है बल्कि कार्यवाहक चले आ रहे हैं। स्टाफ की कमी होने के कारण संविदा कर्मियों से काम लिया जा रहा है। अपेक्स बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रभावी मॉनीटरिंग और सुपरविजन नहीं किया जा रहा है।

जांच पूरी होने के बाद दर्ज कराएंगे एफआईआर: एमडी
अभी अपैक्स बैंक जयपुर की टीम जांच कर रही है। धारा 55 की जांच अलग से होनी है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। फिलहाल कार्यवाहक ब्रांच मैनेजर राजेश सिंह द्वारा 27.50 लाख रुपए जमा कराए जा चुके हैं। उससे रिकवरी के प्रयास किए जा रहे हैं। -अवतार सिंह मीणा, एमडी, सीसीबी भरतपुर

प्रारंभिक जांच में दो जनों को सस्पेंड कर दिया है: इंदर सिंह
मुझे बैंक के एमडी का अतिरिक्त चार्ज 29 सितंबर को मिला था। प्रारंभिक जांच में दोषी कार्यवाहक बैंक मैनेजर राजेश सिंह और कैशियर धर्मेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है। मेरे पास 3 दिन ही चार्ज रहा। अब नए एमडी अवतार सिंह मीणा इसमें कार्रवाई कर रहे हैं। -इंदर सिंह, अति. रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां भरतपुर खंड