बच्चों के हाथ वायरस बांट रहे: अलवर शहर के बीच में कचरा एकत्रित कर रहा ठेकेदार, उसी कचरे में बायोवेस्ट भी, बिना मास्क कबाड़ बिनने में लगे बच्चे

Apr 26, 2021 - 05:39
Apr 26, 2021 - 06:00
बच्चों के हाथ वायरस बांट रहे: अलवर शहर के बीच में कचरा एकत्रित कर रहा ठेकेदार, उसी कचरे में बायोवेस्ट भी, बिना मास्क कबाड़ बिनने में लगे बच्चे

देश में कोरोना से हा-हा कार मचा है। वहीं, अलवर शहर के अम्बेडकर नगर के सामने मूंगस्का के पास कचरे के बीच में बच्चों की ऐसी तस्वीर सामने आई है। जिसे देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं। नगर परिषद के जरिए शहर से उठाए जाने वाले कचरे में बायो वेस्ट भी होता है। उसी कचरे में छोटे बच्चों से लेकर बड़े बिना मास्क व ग्लब्स के कबाड़ छांटते मिले। उनसे पूछा तो किसी ने ठेकेदार का जिक्र किया तो किसी ने अपनी मर्जी से कबाड़ बिनने की बात कही।

कचरे में बायो वेस्ट तो वायरस क्यों नहीं
इस समय हवा में भी कोरोना वायरस होने का डर है। जबकि बायो वेस्ट में तो वायरस का हाेना लाजिमी है। साधारण कचरे में ही बायो वेस्ट भी पहुंचता है। फिर अलवर शहर का कचरा अम्बेडकर नगर के सामने और मूंगस्का के पास एकत्रित किया जाता है। यहां कचरे के ढेर में से काफी बच्चे, महिला और पुरुष कबाड़ छांटते हैं। ताकि उसे बेचकर अपनी रोजी रोटी कमा सकें।

ठेकेदार का भी खेल
असल में इस कचरे में कबाड़ की छंटनी ठेकेदार की मर्जी से होती है। ठेकेदार भी चाहता है कि जितना कचरा कम होगा। उतना उठाना नहीं पड़ेगा। वरना अम्बेडकर में एकत्रित किया जाने वाला कचरा गोलेटा जाता है। इस लालच में ठेकेदार की भी पूरी अनुमति होती है कि कचरे में से जितना कबाड़ निकाल सकें, निकाल लें। यहां से कबाड़ निकालने के बाद कचरा कबाड़ी को बेचा जाता है। यह जांच का विषय है कि इस कबाड़ में भी ठेकेदार की मिलीभगत हो सकती है।

पहले आग से जलता देखा
इसी कबाड़ को आए दिन आग से जलाया जाता है। जिसकी वीडियो भी पिछले दिनों जारी हुआ था। कबाड़ को जलाने का मकसद भी यही है कि कचरा उठाना नहीं पड़े। ताकि ठेकेदार सरकारी पैसे को जेब में रख सके। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद प्रशासन की मॉनिटरिंग नहीं है। जनता की सांसों में जहर घोला जा रहा है।

तुरंत वहां से हटवा दिया
मुझे भी सुबह शिकायत मिली थी। इसके बाद वहां से सबको हटवा दिया है। ठेकेदार को हिदायत दी है कि दोबारा ऐसा किया तो जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी।
सोहन सिंह नरूका, आयुक्त, नगर परिषद अलवर